11 “थाँ जद्याँ कणी नगर कन गाम में जावो, तो पतो लगावो के, वटे विस्वास के जोगो कूण हे अन जटा तईं वटूँ ने जावो, वींका वटेईस रेवो।
गेला की जातरा का वाते ने जोळी राको अन थाँ पेर मेल्या हे ईंके अलावा कुरतो मत लेज्यो, ने पगरख्याँ अन ने लाकड़ी लेज्यो, काँके दानक्याँ ने वींकी दानकी मलणी छावे।”
अन घर की डेळी में पग मेलताई वाँने आसिरवाद दिज्यो।
अन अस्यान भी क्यो, “जीं घर में थाँने मान मले वटे अतरीक देर तईं रको, जतरी देर तईं वाँ जगाँ ने छोड़ो।
यो देकन हाराई लोग-बाग मन में बड़बड़ान केबा लागा के, “वी तो एक पापी मनक का अटे रकरियो हे।”
कस्या भी गाम में जाया केड़े थाँकी आवभगत जणी घर में पेली वेवे, वणी घर में जतरे पाच्छा वणी गामऊँ जावो वतरे वटेईस रेज्यो।
जदी वा लुगई अन वींका परवारवाळा हंगळा हाते बतिस्मो लिदो तो वणी माँकी मनवार किदी के, “यद्याँ थाँ मने परमेसर में विस्वास करबावाळी लुगई हमजो, तो अटूँ मारे हाते चालो अन मारे घरे रो।” जद्याँ तईं माँ राजी ने व्या, तद्याँ तईं वा मनवार करतिइस री।