24 तद्याँ युसुप नींदऊँ जाग्यो अन वणी वस्यानीस किदो जस्यान परमेसर का हरग-दुत क्यो हो। वो मरियमऊँ ब्याव करन आपणाँ घरे लायो।
“देको, एक कूँवारी गरबवती वेई अन एक बेटा ने जनम देई, अन वींको नाम इम्मानुएल राक्यो जई,” जिंको मतलब हे, “परमेसर आपणी हाते हे।”
अन जतरे वणी पूत ने जण्यो, वतरे वो वींका नके ने ग्यो। वणी आपणाँ बेटा को नाम ईसू राक्यो।
ज्या आग्या मूँ थाँने देवूँ हूँ, यद्याँ वींने मानो तो थाँ मारा दोस्त हो।
अणाचेत, परबू को एक हरग-दुत वटे आ पूग्यो, जेळ की ओवरी में उजितो वेग्यो, वणी हरग-दुत पतरस को खांदो ठपकारन वींने जगाते तके क्यो, “फटाकऊँ ऊबो वेजा”, तरत हाँकळा वींका हातऊँ आपूँ-आप खलगी।
पण, रात में परबुजी के एक हरग-दुत जेळ का कमाड़ा ने खोलन वाँने बारणे निकाळन क्यो,