वीं परदेसऊँ एक लुगई अई ज्या कनानी जात की ही अन वाँ कल्ड़ो हाका-भार मेलन केबा लागी, “हो परबू जी! दाऊद का पूत, मारा पे दया कर! मारी बेटी ने हुगली आत्मा घणी सता री हे।”
अन तद्याँ ईसू बतिस्मो लिदो अन जस्यानी वो पाणीऊँ बारणे आयो तो आकास खुलग्यो अन वणी परमेसर की आत्माने एक परेवड़ा का जस्यान रेटे उतरती अन आपणाँ माता पे आती देकी।
अस्यानीस परमेसर अबराम अन वींका पिड़ीऊँ वादो किदो, परमेसर अस्यान ने क्यो के, मूँ थाँरा पिड़ियाँऊँ वादो करूँ हूँ, ईंको मतलब तो घणा का वाते वेवे हे, पण वो वादो पीड़ी का वाते किदो अन यो वादो एक मनक ने बतावे हे ज्यो ईसू मसी हे।