परमेसर का हव हमच्यार को परच्यार कर, पलई ईंने हाराई मनक ने माने, पण ईंका केड़े भी थूँ ईंने पूरा मनऊँ करतो रे। थूँ लोगाँ ने सई कर अन वाँका पापाँ को वाँने ध्यान करान चेता। हातेई हाते वाँने उदास मती वेबा दे, वाँने सला देती दाण हमेस्यान धीरज राकज्ये।
थूँ सान्तीऊँ टक्यो तको रेज्ये अन दुक भोगबा का वाते त्यार रे। हव हमच्यार को परच्यार करबा का वाते घणी मेनत कर अन थाँरी जिमेदारी ने हव तरियाऊँ पुरी करज्ये।
“सरदीस की मण्डली का दुताँ ने ओ लिक। जिंका नके परमेसर की हात आत्मा अन हात तारा हे वो अस्यान केवे हे, मूँ थाँका करम जाणूँ हूँ। थाँ जीवता तो केवावो हो, पण हाँची में मरिया तका हो।