कस्योई दास दो मालिकाँ की सेवा ने कर सके हे। काँके वो तो एकऊँ वेर राकी अन दूजाऊँ परेम राकी कन पछे एकऊँ मल्यो तको रेई अन दूजाँ ने बेकार जाणी। थाँ परमेसर अन धन, अणा दुयाँ की सेवा एक हाते ने कर सको हो।”
ईं वाते मूँ थाँने बतारियो हूँ के, ज्यो कुई परमेसर की आत्मा का आड़ीऊँ बोलबावाळा कुई भी ओ ने केवे के, “ईसू ने हराप लागे” अन ने कुई बना पुवितर आत्माऊँ के सके के, “ईसूइस परबू हे।”