46 एक दाण ईसू का चेला का बंच में अणी बात में होड़ा-होड़ वेबा लागी के, “आपाँ मूँ मोटो कूण हे?”
एक दूजाँ का हाते हाँचो परेम राको। एक दूजाँ ने खुदऊँ हेलो मान दो।
ईं वाते वींकी दया की वजेऊँ ज्या मने मली हे। वींने ध्यान में लेन मूँ थाँने केवूँ हूँ जतरा थाँ हो वणी हेला खुद ने मती हमजो हे, पण विस्वास का जस्यान जतरी कबालियत परमेसर थाँने दिदी हे वतरोइस खुद ने हमजो।
हारई काम बना बड़बड़ान अन बना बेस करिया करता रेवो।
खुद का हवारतऊँ कई मती करो अन जूटो मेपणो मती करो, पण नरमाईऊँ खुदऊँ हेला एक-दूँजा ने हव हमजो।
में एक कागद मण्डली ने भी लिक्यो भी हो, पण दियुत्रिफेस ज्यो नेतो बणणो छावे हे, वो माँ ज्यो कई केवा हाँ, वींने ने माने।