43 जद्याँ हाराई लोगाँ परमेसर की सामरत ने देकी, तो वाँकी आक्याँ खुली की खुली रेगी। ईसू मसी ज्यो भी किदो हो वींने देकन लोग-बाग अचम्बो कररिया हा तो ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो,
अन वणा वाँकाऊँ क्यो, “थाँको विस्वास कटे हो?” पण वीं दरपग्या अन अचम्बा में आग्या अन एक-दूजाऊँ केबा लागा, “ईं कूण हे? ज्यो डूँज अन पाणी ने भी आग्या देवे हे, अन वी अणाको केणो माने हे।”
माँ थाँने आपणाँ परबू ईसू मसी की तागत का बारा में अन वींके पाच्छा आबा का बारा में जो हमच्यार हुणायो हो, वो कुई हुस्यारीऊँ बणई तकी केणी ने हे, पण में खुदई वींकी मेमा ने मारी आक्याँऊँ देकी हे।