ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।
माँ थाँने आपणाँ परबू ईसू मसी की तागत का बारा में अन वींके पाच्छा आबा का बारा में जो हमच्यार हुणायो हो, वो कुई हुस्यारीऊँ बणई तकी केणी ने हे, पण में खुदई वींकी मेमा ने मारी आक्याँऊँ देकी हे।