यहूदो आपणाँ वीं नीच कामऊँ जो भी धन-दोलत कमई ही, वीं दोलतऊँ एक खेत मोल लिदो। वो वीं खेत में माता वराणो पड़्यो अन वींको पेट फूटग्यो अन आतेड़ा-ओजेड़ा बारणे निकळग्या अन मरग्यो।
पण मूँ आपणी देह ने घणी मेनत करान खुद का क्या में राकूँ हूँ, ताँके कटे अस्यान ने वे जावे के, दूजाँ का उपदेस देयाँ केड़े मूँ परमेसर का आड़ीऊँ बेकार मान्यो जाऊँ।
थाँ केदी मनकाँ का दुक में भी दकी व्या हा। थाँ ओ जाणता हा के, थाँका नके अस्यान की दोलत हे ज्यो हव अन कदी नास ने वेई। ईं वाते थाँ थाँकी दोलत ने भी राजी वेन जब्त वेबा दिदी।