ईसू वणीऊँ क्यो, “देक, ईंका बारा में किंने केज्ये मती पण जान आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बता अन ज्या बोलमा मूसे चढाबा के वाते बतई हे वींने चढा, जणीऊँ मनकाँ ने यो सबूत मल जावे के, थाँरो कोड़ जातो रियो।”
अन ईसू वींने आग्या दिदी, “ईं बात ने कने केज्ये मती। पण, अबे जा अन आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बता अन कोड़ऊँ हव वेबा का वाते ज्यो मूसे ज्याँ बोलमा ठेराई हे। वींने चढा, जणीऊँ वाँने सबूत मले के, थूँ हव वेग्यो।”