54 पण ईसू वींको हात पकड़्यो अन जोरऊँ क्यो, “हे बेटी उटी वे।”
पण जद्याँ लोगाँ की भीड़ ने बारणे काड़ दिदी, तो ईसू में जान बाळकी को हात पकड़क्यो अन जीवती वेगी।
तो ईसू वाँका नके ग्या अन हात पकड़न वाँने बेटा किदा, तो तरत वाँको ताव उतरग्यो अन वीं वाँकी सेवा-चाकरी करबा लागग्या।
वणा आन्दा मनक को हात पकड़्यो अन वींने गाम का बारणे लेग्या। वणा वींकी आक्याँ पे थूँक्यो। आपणो हात वींपे मेल्यो अन वींने पूँछ्यो “कई, थने दिकरियो हे?”
पछे ईसू छोरा ने हातऊँ पकड़न बेटो किदो। तो वो ऊबो वेग्यो।
जद्याँ ईसू घर में आया तो वणा पतरस, यहुन्ना, याकूब अन छोरी का बई-बापू ने छोड़न दूजो कणी ने आपणाँ हाते घर में ने आबा दिदा।
अणी बातऊँ मनक वाँकी मजाक करबा लागा। काँके लोग जाणता हा के, वाँ मरगी हे।
तद्याँ वींको जीव पाछो अई ग्यो अन वाँ तरत उटी वेगी, पछे ईसू वींका बई-बापूऊँ क्यो, “ईंने खाबा वाते कई दो।”
यो केन वणी जोरऊँ हाको करन क्यो, “हे लाजर, बारणे आ।”
जस्यान परमेसर मरिया तका ने उठान जिवावे हे, वस्यानीस मूँ बेटो भी ज्याँने छाऊँ हे, वाँने जीवावूँ हूँ।
पतरस हारई जणा ने बारणे खन्दान गोडा टेकन परातना किदी। पछे वीं लास दयने देकन क्यो, “हे तबीता, ऊबी वेजा।” वा आपणी आक्याँ खोलन पतरस ने देकती तकी उटी वेगी।
सास्तर बतावे हे के, “में थने घणी जात को बापू बणायो हे।” वीं परमेसर की नजरा में अबराम आपणाँ बापू हे, जणी परमेसर पे विस्वास हे। परमेसर मरिया तका ने जीवन देवे हे अन ज्यो ने हे, वींने हामे लावे हे।