52 अन हाराई वींका वाते रो-रोन छाती-माता कुटरिया हा, पण ईसू वाँकाऊँ क्यो, “रोवो मती, वाँ मरी ने हे बेस हूँती हे।”
‘माँ थाँका वाते बाजो बजायो, अन थाँ ने नाच्या, माँ होक-गीत किदो, पण थाँ ने रोया।’
अन लोग-बागाँ की मोटी भीड़ वींका पाच्छे चालरी ही अन वाँका में नरी लुगायाँ भी ही, जी ईसू का वाते रोरी ही अन छाती कुटरी ही।
वटे देकबा आया मनक ज्यो कई व्यो हो वींने देकन छाती-मातो कूटन आपणाँ-आपणाँ घरे पराग्या।
जद्याँ ईसू घर में आया तो वणा पतरस, यहुन्ना, याकूब अन छोरी का बई-बापू ने छोड़न दूजो कणी ने आपणाँ हाते घर में ने आबा दिदा।
अणी बातऊँ मनक वाँकी मजाक करबा लागा। काँके लोग जाणता हा के, वाँ मरगी हे।
ओ हुणन ईसू क्यो, “या मांदकी लाजर के मरबा की ने, पण परमेसर की मेमा का वाते हे, काँके वणीऊँ परमेसर का बेटा की मेमा वेई।”