वीं टेम में मंगरा का माते हूँरा की एक रेवड़ चररी ही। ईं वाते वणा हुगली आत्मा ईसुऊँ अरज किदी के, वो वाँने हूँरा में जाबा दे। तो ईसू वाँने हूँरा में जाबा की हाँ कर दिदी।
थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।