45 थें मारे स्वागत में बोको ने दिदो, पण जद्याँऊँ मूँ आयो हूँ तद्याँऊँ या मारा पगा के बोका देती तकी ने ठमी हे।
ईसू ने धोकाऊँ पकड़ाबावाळा भीड़ ने इसारो किदो हो, “जिंके मूँ बोको देऊँ वोईस ईसू हे, वींने पकड़ लिज्यो।”
थाँ हात-जोड़न एक दूजाँ ने नमस्कार करिया करो। थाँने हारी मसी मण्डळ्याँ का आड़ीऊँ नमस्कार।
अन हाराई विस्वासी भायाँ का आड़ीऊँ भी थाँने नमस्कार एक-दूजाऊँ गळे मलन एक दूजाँ को आदर करज्यो।
ओ बई-बापू, आपणाँ छोरा-छोरी ने रीस मती दो, पण परबू की हिक अन सई-गलत को फरक हमजाता तका वाँको पालण करो।
हाराई विस्वास्याँ के गळे मलन जे मसी की करिया करो।