43 समोन जवाब दिदो के, “मारा बच्यार में तो, वो जिंको हेलो करज माप किदो हे।” ईसू क्यो, “थें सई क्यो हे।”
तद्याँ वणी दास का मालिक दया करन वींने छोड़ दिदो, अन वींको करजो भी माप कर किदो।
जदी ईसू ओ देक्यो के, वो मनक पुरी हमजदारीऊँ जबाव दिदो, तो वणा क्यो, “थूँ परमेसर का राजऊँ घणो छेटी कोयने।” ईंका पछे कुई भी ईसुऊँ कस्योई सवाल पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
जद्याँ ईसू अन वींका चेला आपणाँ गेले जारिया हा। वी एक गाम में पूग्या। वटे मारता नाम की एक लगई वाँने आपणाँ घरे लेगी।
जद्याँ वीं मूँळ पूँजी भी ने दे सक्या, तो वणी दुयाँ का करज माप कर दिदो। अबे थूँ बता, वाँका मूँ कूण वणीऊँ हेलो परेम करी?”
अन ईसू वणी लगई की आड़ी फरन समोनऊँ क्यो, “कई थूँ अणी लुगई ने देकरियो हे? मूँ थाँरा घरे आयो पण थें मारा पगा ने धोबा का वाते पाणी भी ने दिदो, पण अणी मारा पगा ने आसूऊँ धोयाँ अन केसऊँ पूँछ्या हे।
अणी वाते मूँ थाँराऊँ कूँ हूँ के, ईंका पाप ज्यो नरई हा, माप व्या, काँके अणी घणो परेम किदो हे। पण जणा का थोड़ो माप व्या हे, वीं थोड़ो परेम राके हे।”