चेला ने गरू का बराबर वेवा में अन हाळी ने मालिक का बराबर वेवा मेंईस संतोक करणो छावे। यद्याँ वीं घर का मालिक ने बालजेबूल केवे, तो वाँका घर का लोगाँ ने ओरी हेलो बुरो काँ ने केई?
अबाणू का जुग का लोग चोतरा पे खेलबावाळा बाळकाँ का जस्या हे, ज्यो एक-दूजाऊँ केवे हे के, माँ थाँका वाते बाजो बजायो अन थाँ ने नाच्या, अन माँ सोक-गीत गायो अन थाँ ने रोया।
ईंपे यहूदी नेता वाँने क्यो, “अबे माँने पको विस्वास वेग्यो हे के, थाँरा में हुगली आत्मा धस्यी तकी हे। अबराम अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा तो मरग्या, पण थूँ केवे हे के, ‘यद्याँ कुई मारी हिक ने मानी, तो वो कदी ने मरी।’