31 पसे ईसू पाछो क्यो, “मूँ अणी जुग का मनकाँ की कणीऊँ बराबरी करूँ के, वी किंके जस्यान हे?
“ईं वाते ज्यो कुई मारी ईं बाताँ हुणन वाँने माने हे, वो वीं अकलवाळा मनक जस्यान वेई जणी आपणो घर छाँट पे बणायो।
पछे ईसू पूँछ्यो, “आपाँ कस्यान बतावा के, परमेसर को राज किंके जस्यान हे? वींने हमजबा का वाते आपाँ कस्यी केणी ने काम में लावाँ?
पण फरीसी अन वेवस्ता करबावाळा वणीऊँ बतिस्मो ने लिदो अन आपणाँ वाते परमेसर की मनसा ने टाळ दिदी।
अबाणू का जुग का लोग चोतरा पे खेलबावाळा बाळकाँ का जस्या हे, ज्यो एक-दूजाऊँ केवे हे के, माँ थाँका वाते बाजो बजायो अन थाँ ने नाच्या, अन माँ सोक-गीत गायो अन थाँ ने रोया।