28 मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, ज्यो लुगायाऊँ जनम्याँ हे, वाँका मूँ यहुन्नाऊँ मोटो कुई भी ने हे, पण परमेसर का राज को फोराऊँ फोरा मनक भी वणीऊँ मोटो हे।”
“मूँ थाँकाऊँ हाँची कूँ हूँ के, जीं लगईऊँ जनम्याँ हे, वाँका मूँ यहुन्नो बतिस्मा देबावाळाऊँ कुई मोटो कोयने हे। पण हरग का राज में फोराऊँ फोरो मनक भी यहुन्नाऊँ मोटो हे।
वाँ दनाँ में बतिस्मा देबावालो यहुन्नो यहूदियाँ परदेस का हुन्ना काँकड़ में आयो,
यहुन्ने वणाऊँ क्यो, “मूँ तो थाँने पाणीऊँ बतिस्मा देरियो हूँ। पण, ज्यो आबावाळो हे, वो माराऊँ घणो ज्योरावर हे। मूँ वींके अतरोक लायक भी ने हूँ के, वींकी पंगरख्या ने खोल सकूँ। वी पुवितर आत्मा अन वादीऊँ थाँने बतिस्मो देई।
यो वोईस हे, जिंका बारा में पुवितर सास्तर में लिक्यो ग्यो हे के, ‘देक मूँ थाँराऊँ पेल्याँ आपणो दूत ने खन्दारियो हूँ, ज्यो थाँराऊँ पेल्याँ थाँरो गेलो त्यार करी।’
यहुन्नाऊँ बतिस्मो लिदा तका हाराई लोग-बाग अटा तईं के, लगान लेबावाला भी ईसू की ईं बात ने हुणन परमेसर का गेला ने हाँचो मान लिदो।
चेलाऊँ क्यो, “ज्यो कुई अणी बाळक ने मारा नामऊँ गरेण करे हे, वी मने भी गरेण करे हे अन जणी मने खन्दायो हे वींने भी करी। काँके ज्यो थाँ हारामूँ फोरो हे, वोईस हाराऊँ मोटो हे।”