6 अन अस्यो व्यो के, कणी दूजाँ आराम का दन में वीं परातना घर में जान उपदेस देबा लागा अन वटे एक मनक हो, जिंको जीमणो हात रियो तको हो।
ईसू हाराई गलील देस में यहुदया का परातना घर में हरग का राज को हव हमच्यार को उपदेस देतो अन तरे-तरे का रोगा ने हव करतो तको फरबा लागो।
आराम का दन ईसू एक परातना घर में उपदेस देरिया हा।
ईंपे ईसू यहूदी सास्तरी अन फरीसियाऊँ क्यो, “सबत का दन किंने ठीक करणो नेमा का हस्याबूँ हव हे के, ने?”
ईसू नासरत नगर में ग्यो, जटे वाँको लालण-पालण व्यो हो। वो रीत के जस्यान आराम का दन में परातना घर में ग्यो अन धरमसास्तर भणबा का वाते ऊबो व्यो।
पसे ईसू गलील परदेस का कफरनूम नगर में ग्या अन आराम का दन मनकाँ ने उपदेस देबा लागा।
ईंका केड़े ईसू आराम का दन खेत में वेन जारिया हा अन ईसू का चेला गव की ऊम्याँ तोड़न हाताऊँ मसळन खारिया हा।
अन वणा वाँकाऊँ ओरी क्यो, “मूँ, मनक को पूत आराम का दनाँ को भी परबू हे।”
जणामें नरई माँदा मनक ज्यामें आन्दा, लंगड़ा अन लकवा मारिया तका मनक पड़्या रेता हा।
अणी पे कुई फरीसी केबा लागा, “जणी मनक यो किदो हे वो मनक परमेसर का आड़ीऊँ ने हे, काँके वो आराम का दन का नेमाने ने माने हे।” दूजाँ क्यो, “पापी मनक कस्यान अस्या परच्या बता सके हे?” अणी बात पे वाँका में आपस में फुट पड़गी।