“ओ कपटी मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ एक जणा ने आपणाँ आड़ी लाबा का वाते रात-दन एक कर देवो हो। जद्याँ वो थाँका आड़ी आ जावे हे तो वींने आपणाँऊँ हेलो हुगलो बणा देवो हो।
ज्यो बाताँ में थाँकाऊँ किदी ही के, दास आपणाँ मालिकऊँ मोटो ने वेवे हे। वाँने आद राकज्यो। यद्याँ वणा मने हतायो हे, तो थाँने भी हताई। यद्याँ वणा मारी बाताँ मानी, तो थाँकी भी मानी।