39 पसे ईसू वाँकाऊँ एक केणी क्यो, “कई आंदो आंदा ने गेलो बता सके हे? अस्यान करी तो वीं दुई खाड़ा में पड़ जाई।
अन वो वाँकाऊँ केणी में घणी बाताँ किदी अन वणी वाँने क्यो, “एक करसाण बीज बोवा निकळयो।
वाँने जाबा दो, वीं तो आंदा का आंदा नेता हे अन आंदो यद्याँ आंदा ने गेलो बतावे, तो दुई खाड़ा में पड़ जई।”
“अरे हाँप अन हापाँ का छोरा-छोरी, थाँ कस्यान होचो हो के, थाँ नरक की सजाऊँ बंच जावो?
थूँ ओ माने हे के, थूँ आंदा मनकाँ की आक्याँ हे अन जतरा अन्दारा में हे, वाँका वाते थूँ ज्योती हे।
अन बुरा अन धोको देबावाळा मनक धोको देता अन खुद धोको खाता तका हेलाऊँ हेला बुरा वेता तका परा जाई।