पण मूँ थाँकाऊँ यो केवूँ हूँ के, कणी बुरई करबावाळा का हाते बुरई मती करो, पण ज्यो कुई थाँका जीमणो गाल्डा पे रेपट मारे, तो वाँकी आड़ी दूज्यो गालड़ो भी कर देज्यो।
ईं वाते आपणी धन-दोलत ने बेचन दान कर दो अन आपणाँ वाते अस्या खुल्या वणावो, जी जूना ने वेवे हे। हरग में अस्यो धन भेळो करो, ज्यो ने घटे अन नेई कुई वींको नकसाण कर सके हे अन नेई वटे कुई चोर जा सके हे अन ने वटे किड़ा लागे हे।
ओ हूँणन ईसू वींने क्यो, “थाँरा में अबे भी एक कमी हे। आपणी हारी धन-दोलत ने गरीबा में बाँट दे अन पाछो आने मारे पाच्छे चाल थने हरग में धन-दोलत को खजानो मली।”
दूजाँ ने देवो, तो थाँने भी दिदो जाई। मनक पूरा नाप ने दबा-दबान अन हला-हलान ढळतो तको थाँका खोळा में नाकी, काँके जणी नापऊँ थाँ नापो हो, वणीऊँ थाँका वाते भी माप्यो जाई।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।