10 अन वणा हंगळी आड़ी देकन वणीऊँ क्यो, “आपणो हात लम्बो कर, वणी वस्यानीस किदो अन वींको हात पेल्याँ के जस्यान हव वेग्यो।”
ईसू गुस्सा में हा जद्याँ वणा च्यारूँमेर वाँने देक्या, पण वीं वाँकी बुरई अन हठ ने देकन घणा दकी व्या। पछे वीं मनकऊँ क्यो, “थारो हात लाम्बो कर।” वणी हात लाम्बो किदो अन वींको हात हव वेग्यो।
पण वीं हाराई रीस में आन एक-दूजाऊँ बात-बच्यार करबा लागा के, “अबे आपाँ ईसू को कई करा?”
पछे ईसू वणाऊँ क्यो, मूँ थाँकाऊँ पूँछू हूँ के, “आपणाँ नेमा का जस्यान आराम का दन कई करणो सई हे? किंकोई भलो करणो कन बुरो करणो, किंको जीवन बचाणो कन नास करणो?”
ईसू वींने क्यो, “उठ, आपणो माचो उठा अन चाल-फर।”