29 वणी लेवी आपणाँ घर में ईसू की आवभगत का वाते मोटो जीमण राक्यो। अन आया तका मेमान में नरई लगान लेबावाळा अन दूजाँ मनक भी हा। ईं हाराई ईसू का हाते जीमण में बेटा हा।
पछे मनक को पूत दूजाँ का जस्यान खातो-पितो आयो अन वीं केवे हे के देको, ‘यो खवगड़्यो अन दारुड़्यो हे, कर लेबावाळा को अन पाप्याँ को गोटी हे।’ पण परमेसर का ग्यान पे चालबावाळा आपणाँ करमाऊँ वींको ग्यान हाँचो साबत वेवे हे।”
ईंका केड़े जद्याँ ईसू अन वाँका चेला लेवी का घरे खाणो खारिया हा, तद्याँ नरई चुंगी लेबावाळा अन पापी भी वाँकी लारे खाणो खारिया हा अन वे हंगळा वाँका पाछे-पाछे आया हा।
यद्याँ विस्वास ने राकबावाळा थाँने जीम्बा का वाते बलावे अन थाँ वटे जाणा छावो हो तो, थाँके हामे ज्यो भी परोस्योग्यो वींने मनऊँ खा लिज्यो अन वणीऊँ कई सवाल मती करज्यो।