वो ऊबो व्यो, तरत आपणो माचो तोक्यो अन वाँ हंगळा ने देकतईं देकता वो बारणे परोग्यो। यो देकन हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या, अन वाँकाणी परमेसर की बड़ई किदी अन बोल्या, “माँकाणी अस्यी बात कटेई ने देकी।”
ईंपे वीं हाराई मनक दरपग्या अन परमेसर की जे-जेकार करबा लागा के, “आपणाँ बसमें एक मोटा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो परगट व्यो हे।” अन केबा लागा के, “परमेसर आपणाँ लोगाँ की मदत करबा ने आग्या हे।”
तो पछे मोटी सबा का लोगाँ वाँ दुई जणा ने तापड़न छोड़ दिदा। वाँने सजा देबा को कई भी मोको ने मल्यो हो, काँके जो भी व्यो, वींका वाते लोग-बाग परमेसर की मेमा गारिया हाँ।