25 वो तरत वींका हामे ऊबो व्यो, अन जीं माचा पे वो हूँतो हो वींने तोकन, परमेसर की बड़ई करतो तको आपणाँ घरे परोग्यो।
जद्याँ मनकाँ ओ देक्यो तो वीं दरपग्या अन परमेसर की मेमा करबा लागा के, जणा एक मनक ने अस्या अचम्बावाळा काम करबा को अदिकार दिदो हे।
वो ऊबो व्यो, तरत आपणो माचो तोक्यो अन वाँ हंगळा ने देकतईं देकता वो बारणे परोग्यो। यो देकन हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या, अन वाँकाणी परमेसर की बड़ई किदी अन बोल्या, “माँकाणी अस्यी बात कटेई ने देकी।”
जद्याँ ईसू वींका माता पे हात मेल्यो अन वाँ कुबड़ी हुदी ऊबी वेगी अन परमेसर की बड़ई करबा लागगी।
वो तरत देकबा लागो अन परमेसर की बड़ई करतो तको वाँके पाच्छे चालबा लागो अन यो परचो देकन हाराई लोग-बाग परमेसर की मेमा करबा लागा।
ईसू वींके हात अड़ायो अन क्यो, “मूँ छावूँ हूँ, थूँ हव वेजा।” अन वींको कोड़ तरत जातो रियो।
तद्याँ वाँकाणी वीं मनकऊँ ज्यो आंदो हो, दूजी दाण बलान क्यो, “हव वेग्यो ईं वाते, परमेसर को गुणगान कर वींको ने, काँके माँ तो यो जाणा हाँ के, वो मनक पापी हे।”