ईं बात पे पतरस क्यो, “ए हनन्या, सेतान थाँरा मन में आ बात कस्यान ले आयो के, थूँ पुवितर आत्माऊँ जूट बोले अन जगाँ-जमीं का आया रिप्या-कोड़ीऊँ थोड़ाक बंचान आपणाँ नके राक ले।
परमेसर का बचन तो जीवता अन काम करबावाळा हे, वीं कस्यी तीकी तरवारऊँ भी तिका हे। अन परमेसर को बचन पराण, आत्मा, हन्ट अन गुदा ने अलग करन आर-पार वेवे हे अन मन की मनसा अन बच्यार ने जाँचे हे।