20 वींको विस्वास देकन ईसू वणी लुला मनकऊँ क्यो, “हे भई, थाँरा पाप माप वेग्या।”
लोग-बाग एक माँदा ने माचा पे हुवाण वाँके नके लाया, ईसू वाँका विस्वास ने देकन वणी लकवा का माँदा मनकऊँ क्यो, “बाळक हिम्मत राक, थाँरा पाप माप वेग्या हे।”
हेलो हेल कई हे? यो केणो के ‘थाँरा पाप माप वेग्या’ कन ओ केणो ‘उठ, अन परोजा?’
वाँका ईं विस्वास ने देकन ईसू लकवा का माँदा मनक ने क्यो, “ए मारा बेटा, थाँरा पाप माप वेग्या।”
तद्याँ ईसू वीं लुगईऊँ क्यो, “थाँरा पाप माप वेग्या हे।”
अन ईसू ने ईं बात की कई जरुरत ने हे के, कुई वाँने आन लोगाँ का बारा में बतावे, काँके लोगाँ का मना में कई चालरियो हे, वींने वो हव तरियाऊँ जाणतो हो।
अणा हारी बाताँ के पछे वो मनक ईसू ने मन्दर में मल्यो, जद्याँ ईसू वींने क्यो, “देक, अबे थूँ हव वेग्यो हे, अबे पाछो थूँ पाप मती करज्ये, अस्यान ने वे कुई मोटी आपत थारे गळा में पड़ जावे।”
जद्याँ बरनबास अन्ताक्या पूगो, तो लोगाँ पे परमेसर की करपा देकन वो घणो राजी व्यो अन वणी हारई लोगाँ ने धिजो बन्दान परबू में बण्या तका रेवा वाते क्यो।
वो मनक पोलुस ने बाताँ करतो तको हुणरियो हो, पोलुस वींका आड़ी देक्यो अन होच्यो के, ईंमें हव वेबा को विस्वास हे।
यद्याँ थाँ किंने कस्यी भी बात का वाते भी माप करो हो वींने मूँ भी माप करूँ हूँ अन ज्यो कई भी मूँ माप करूँ हूँ वो मसी का हामे थाँका वाते किदो ग्यो हे,
किंका पे थाँको ओळमो वे तो एक-दूँजा ने सेण करता तका अन एक-दूँजा ने माप कर दो। जस्यान परमेसर थाँने माप करे हे वस्यानीस थाँने भी एक-दूँजा ने माप करणा छावे।
पण कुई के सके के, “थाँरा नके विस्वास हे अन मारा नके करम हे।” अबे थूँ मने थाँरो विस्वास बना करम के बता अन मूँ थने मारो विस्वास मारा करम का जरिये बताऊँ।