हाराई सिरिया देस में वाँको हव हमच्यार फेलग्यो। ईं वाते लोग अस्या हाराई मनकाँ ने ज्यो तरे-तरे की मांदकीऊँ माँदा हा, जणामें हुगळी-आत्मा, जाँने मरगी का जोला आता हा, अन जीं लकवा का माँदा हाँ, वाँने ईसू का नके लाया अन ईसू वाँने हव किदा।
पण, अणी वाते थाँ जाण सको के, मने मनक का पूत ने अणी धरणा में पाप माप करबा को हक हे।” अन ईसू जी वणी लुला मनक ने क्यो, “मूँ थाँराऊँ केवूँ हूँ, उठ अन आपणो माचो ने लेन आपणाँ घरे परोजा।”