15 पण, ईसू की चरचा घणी फेलबा लागी के, नरई मनक ईसू जी की बाताँ हुणबा का वाते अन मांदकीऊँ हव वेबा का वाते भेळा वेबा लागा।
अन ईं बात की खबर च्यारूँमेर फेलगी।
पण वणा वटेऊँ जान ईं बात ने च्यारूँमेर फेला दिदी।
अणीऊँ गलील अन वींका अड़े-भड़े की हारी जगाँ में ईसू को नाम तरत फेलग्यो।
पण, वो बारणे जान चोड़े-धाड़े ईं बात को परच्यार करबा लागो। ईं वाते ईसू कदी नगर में चोड़े-धाड़े ने जा सक्या, पण वीं हून्नी जगाँ में रेरिया हा अन मनक हर कटूँई वाँका नके आता रिया।
ईसू आपणाँ चेला की लारे गलील समन्द पे पराग्या, वाँका पाच्छे गलीलऊँ घणी भीड़ वेगी ही, वे यहूदियाँ,
पसे जद्याँ हजारो मनक भेळा वेग्या हा अन अटा तईं के, मनक एक-दूँजा के ऊपरे पड़रिया हा, तद्याँ ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो के, “फरीसियाँ का कपट रूपी हाज्याऊँ बंचन रेवो।
जद्याँ लोगाँ की भीड़ ईसू का पाच्छे जारी ही तो ईसू पाच्छा फरन वाँने क्यो,
अन एक मोटी भीड़ वाँका पाच्छे वेगी, काँके ज्यो परच्या का काम वीं माँदा मनकाँ पे बतातो हो, वी वाँने देकता हा।
अस्यानीस हव काम भी हामे आवे हे अन ईं छाने भी ने रे सकी।