जद्याँ ईसू एक नगर में हा, तद्याँ वटे एक कोड़यो मनक हो वो ईसू ने देकन वाँका पगाँ में धोग दिदो अन वाँकाऊँ अरज करबा लागो, “ओ परबू, थाँ छावो, तो मने हव कर सको हो।”
अन ईसू वींने आग्या दिदी, “ईं बात ने कने केज्ये मती। पण, अबे जा अन आपणाँ खुद ने याजकाँ ने बता अन कोड़ऊँ हव वेबा का वाते ज्यो मूसे ज्याँ बोलमा ठेराई हे। वींने चढा, जणीऊँ वाँने सबूत मले के, थूँ हव वेग्यो।”