यहुन्ना बतिस्मा देबावाळा का दनाऊँ अबाणू तईं ओ संदेस परच्यार किदो ग्यो के, परमेसर का राज का लोगाँ का हाते मार-पिट किदी जावे अन मार-पिट करबावाळा वीं राज ने लेबा की कोसीस करे हे।
ईसू गलील का समन्द के कनारा पे उपदेस देणो सरू किदो अन वटे वींका च्यारूँमेर घणी भीड़ अगेटी वेगी ही, ईं वाते वो समन्द के कनारे एक नाव में जा बेट्यो अन लोगाँ की भीड़ समन्द का कनारे जमीं पे ऊबी री।
पण जद्याँ नाव चालरी ही, जद्याँ ईसू हूँ ग्या हा। तद्याँ अणाचेत की समन्द में ज्योरऊँ डूँज चालबा लागी, अन नाव में पाणी भरबा लागग्यो अन वी घणी अबकी टेम में आग्या।
अतराक में ईसू जी क्यो, “मारे कणी हात अड़ायो हे?” तद्याँ हाराई नटबा लागा, तो पतरस अन वाँका हण्डाळ्याँ वाँकाऊँ क्यो, “हो मालिक, थाँने तो भीड़ च्यारूँमेरऊँ गेर मेल्या हे अन हाराई थाँके ऊपरे पड़रिया हे।”