तद्याँ मूँ वींकी जे-जेकार करतो तको वीं हरग-दुत का आगे धोक लाग्यो। पण वणी माराऊँ क्यो, “अस्यान मती करे! काँके मूँ तो थाँरो अन थाँरी हण्डाळ्याँ का हाते परमेसर को दास हूँ। जणापे ईसू मसी की गवई देबा की जिमेदारी हे। थूँ परमेसर के धोक लाग, काँके ईसू मसी की गवई आगेवाणी की आत्मा हे।”
पण वणी माराऊँ क्यो, “थूँ अस्यान मती कर, काँके मूँ थाँरो अन थाँरा भायाँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन ईं किताब की बाताँ ने मानबावाळा का लारे को दास हूँ। बेस थूँ परमेसर की भगती कर।”