5 तद्याँ सेतान ईसू ने नरोई ऊसे लेग्यो। वणी ईसू ने घड़ीभर में दनियाँ का हाराई राज बताया।
अन हरग राज को ओ हव हमच्यार हारई दनियाँ का हारी जात्या का वाते गवई का रूप में परच्यार किदो जई, तद्याँ अंत आ जई।
ईंका केड़े सेतान ईसू ने हाराऊँ ऊँचा मंगरा पे लेग्यो अन वाँने दनियाँ का हाराई राज अन मानता बताई।
जद्याँ आकरी रणभेरी बजाई जाई वीं दाण आँक झपकाताँ तईं एकीस दाण में अस्यान वे जाई। जद्याँ रणभेरी बजाई जाई तो मरिया तका जीवता वेन अमर वे जाई अन आपाँ ज्यो जीवता हाँ बदल्या जावा।
ज्यो ईं दनियाँ की चिजाँ को नफो लेरिया हे, वीं अस्यान रेवे के, वीं चिजाँ वाँके काम की ने हे, काँके दनियाँ अबे जस्यान हे वा खतम वे जाई।
काँके ओ थोड़ाक दनाँ को दुक आपणाँ वाते जुग-जुग का वाते मेमा लेन आई, ज्या ईं दकऊँ घणी मोटी हे।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
काँके आपणो युद मनकाँऊँ कोयने पण आकास में रेबावाळा मोटा राजा, अदिकारियाँ, ईं अंदारा की दनियाँ में राज करबावाळी सगत्याँ अन हुगली आत्माऊँ हे।