4 ईसू वींने क्यो, “पुवितर सास्तर में लिक्यो हे, ‘मनक बेस रोट्याऊँईस जीवतो ने रेई।’”
ईसू क्यो, “सास्तर में ओ लिक्यो हे के, “‘मनक बेस रोट्याऊँईस ने जीवे हे पण हरेक बचनऊँ जीं परमेसर का मुण्डाऊँ निकळे हे, जीवतो रेई।’”
“ईं वाते थाँ होच करन यो मती केज्यो के, ‘माँ कई खाबा, कन कई पिबा अन कई पेरा?’
पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”
काँके पुवितर सास्तर में लिक्यो तको हे के, ‘परमेसर थाँरो ध्यान राकबा का वाते हरग-दुताँ ने आग्या देई।’
तो सेतान ईसुऊँ क्यो, “यद्याँ थूँ परमेसर को पूत हे, तो अणी भाटाऊँ के, रोटी बणजा।”
ईसू वींने जवाब दिदो, “पुवितर सास्तर में लिक्यो हे के, ‘थूँ आपणाँ परबू परमेसर ने नमण कर अन बेस वाँकीईस सेवा कर।’”
अन उदार को टोपो, अन आत्मा की तरवार, ज्यो परमेसर का बचन हे, लिलो।