39 ईसू जी वीके हराणे ऊबा रेन अदिकारऊँ ताव उतरबा का वाते क्यो वणीस दाण वींको ताव उतरग्यो अन वाँ वाँकी सेवा-चाकरी करबा लागी।
पछे ईसू अन वींका चेला परातना घरऊँ निकळन याकूब अन यहुन्ना की लारे समोन अन अन्दरियास का घरे ग्या।
ईसू वींने तापड़न क्यो, “छानो रे, अन अणी मनकऊँ बाणे निकळजा।” वणी हुगली आत्मा वींने हाराई मनकाँ हामे रेटे पटक्यो अन वींके कई नकसाण ने किदो अन वींमूँ बारणे निकळगी।
हुगली आत्मा घणा जणा मेंऊँ ओ हाँको करती तकी यु बोलती तकी निकळी, “थूँ परमेसर का पूत हे।” पण ईसू वाँने तापड़न वाँने बोलबा ने दिदी, काँके वीं जाणती ही के, “ईसूइस मसी हे।”
जद्याँ वी ईसू नके आया अन वाँने नींदऊँ जगान केबा लागा, “हो परबुजी आपीं डुबरिया हा।” तद्याँ वी उठा वेन डूँज अन लेराँ ने हाँको करन तापड़ी अन वी रकगी अन च्यारूँमेर सान्ती वेगी।