ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँ मारा पे या केवत जरुर केवो, ‘हे वेद पेल्याँ आपणाँ खुद ने साबत कर। अन यो भी केवो के, कफरनहूँम में ज्यो कई किदो हे वींका बारा में माँ हुण्यो हे, वस्योईस आपणाँ नगर में भी कर।’”
अन अणाचेत की एक हुगली आत्मा वींमें आ जावे हे अन वो हाको करबा लाग जावे अन वाँ वींने अस्यो मरोड़े हे के, वींका मुण्डाऊँ जाग आ जावे हे। अन वाँ वींने कदीस ने छोड़े हे अन हमेस्यान वींका सरीर ने खारी ही।