29 वीं ऊबा वेग्या अन ईसू ने नगरऊँ बारणे काड़ दिदा अन जणी मंगरी ऊपरे वाँका नगर बस्यो तको हो, वींने वींपे लेग्या के, वींने मंगरी का ठेट ऊपरेऊँ रेटे नाक दा।
यो हूँणन परातना घर का हाराई मनक घणा गुस्सा में आग्या।
मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ अबराम की बंसज हो। पछे भी थाँ मने मारबा की ताक में रेवो हो, काँके थाँ मारी हिकने ने मानो हो।
में परमेसरऊँ हूणी तकी हाँची बाताँ थाँने बता दिदी हे, ईं वजेऊँ थाँ मने मारबा का वाते त्यार बेट्या तका हो। पण अबराम तो थाँके जस्यान ने किदो हो।
ईं बात पे वणा ईसू ने मारबा के वाते भाटा हाताँ में ले लिदा, पण वो छानेकूँ मन्दरऊँ बारणे निकलग्यो।
अणीस वाते ईसू भी लोगाँ ने आपणाँ खुद का लुईऊँ पुवितर करबा का वाते नगर का बारणे दुक जेल्यो हे।