24 मूँ थाँकाऊँ हाँची कूँ हूँ के, “कुई भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो आपणाँ खुद का गाम में मान ने पाई।”
ईं तरियाँ वणा हाराई ईसू पे विस्वास ने किदो। पण ईसू वाँने क्यो, “परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ने आपणाँ देस अन आपणाँ घर ने छोड़न हारी जगाँ मान मले हे।”
ईसू का बचनाँ ने हुणन दूजाँ ओरी नरई सामरी मनकाँ भी वाँका पे विस्वास किदो।
काँके ईसू खुदई क्यो हो के, कुई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा आपणाँ खुद का देस में आदर-मान ने पावे हे।
मूँ एक यहूदी मनक हूँ, अन किलिकिया देस का तरसूस नगर में मारो जनम व्यो, पण अणी नगर में गमलियल मारसाब का अटे भण्यो जस्यान के, बापदादा की वेवस्ता ने बड़या तरियऊँ हिक्यो, अन परमेसर का वाते अस्यी धुन लगई ही, जस्यान थाँ आज लगई मेली हे।