वीं टेम ईसू भीड़ऊँ क्यो, “कई थाँ तरवाराँ अन लठ लेन मने चोर का जस्यान पकड़बा का वाते आया हो? मूँ हरेक दन रोज मन्दर में बेटन उपदेस दिया करतो हो, तद्याँ तो थाँ मने ने पकड़्यो।
माँ सबद का दन ओ हमजन नगर का फाटक बारणे नंदी का घाट पे ग्या के, वटे परातना करबा की जगाँ वेई, अन वटे नरी लुगायाँ भेळी वेरी ही, वाँका नके जान वाकाँऊँ बाताँ करबा लागा।
जद्याँ पतरस ओ देक्यो, तो वो लोग-बागाँ ने केबा लागो, “ओ इजराएल का लोग-बागाँ, थाँ ईं बात पे अचम्बा में काँ आरिया हो? अन अस्यान घूर-घूरन माकाँ दयने काँ ताकरिया हो, जस्यान के माँ ईं मनक ने आपणी तागत अन भगतीऊँ चालतो-फरतो किदो हे?