19 अन हेलो पाडूँ के, परमेसर की दया दिकावा को जुग आग्यो हे।”
अन क्यो, “कतरो, भलो वेतो के, थूँ अणा दनाँ की हव बाताँ ने ओळकतो जीं थाँरा वाते सान्ती लाती, पण, अबे भी वी थारी आक्याँऊँ ओजल हे।
माँ परमेसर का हाते वाँको काम करबा का मस थाँकाऊँ अरज करा हाँ के, परमेसर की दया ज्यो थाँका पे वीं हे वींने बेकार मती वेबा दिज्यो।