10 काँके पुवितर सास्तर में लिक्यो तको हे के, ‘परमेसर थाँरो ध्यान राकबा का वाते हरग-दुताँ ने आग्या देई।’
वीं थने आपणाँ हाताऊँ तोक लेई, अस्यो ने वे के, थाँरा पगाँ के भाटा की लाग जावे।”
तो सेतान ईसुऊँ क्यो, “यद्याँ थूँ परमेसर को पूत हे, तो अणी भाटाऊँ के, रोटी बणजा।”
ईसू वींने जवाब दिदो, “पुवितर सास्तर में लिक्यो हे के, ‘थूँ आपणाँ परबू परमेसर ने नमण कर अन बेस वाँकीईस सेवा कर।’”
या अचम्बा की बात ने हे, काँके सेतान खुद भी उजिता का हरग-दुताँ को रूप धारण करे हे।
तो पछे हरग-दुत कई हे? कई वीं हाराई हरग-दुत छुटकारो पाबावाळा मनकाँ की सेवा करबा का वाते खन्दई तकी आत्मा ने हे?