अन तद्याँ ईसू बतिस्मो लिदो अन जस्यानी वो पाणीऊँ बारणे आयो तो आकास खुलग्यो अन वणी परमेसर की आत्माने एक परेवड़ा का जस्यान रेटे उतरती अन आपणाँ माता पे आती देकी।
“परमेसर की आत्मा मारा ऊपरे हे। काँके वणा मने गरीब मनकाँ ने हव हमच्यार हूँणबा का वाते चुण्यो हे। वणीस मने खन्दायो हे के, मूँ केदयाँ ने छुड़ाबा को अन आन्दा ने देकबा का सन्देस को परच्यार करूँ अन दब्या तका मनकाँ ने ऊँसा उठऊँ।
परमेसर की पुवितर आत्मा ईसू ने हरग में लेन परीगी वीं दन तईं ईसू हिकई अन किदी। ईसू को हरग में जाबाऊँ पेल्या ईसू थरप्या तका चेला ने पुवितर आत्माऊँ उपदेस दिदा।
ईसू नासरी का बारा में थाँ तो जाणो हो, परमेसर पुवितर आत्मा अन सगतिऊँ वींको तलक कस्यान किदो हो। वणी हव काम किदा अन सेतानऊँ दकी हारई जणा ने हव करतो तको च्यारूँमेर कस्यान गुमतो हो, काँके परमेसर वाँकी लारे हो।
अन जद्याँ वे पाणीऊँ बाणे निकळ्या, तो फिलिपुस ने परबू की आत्मा लेन परोग्यो अन वो अदिकारी पछे वींने कदी ने देक सक्यो अन वो राजी वेतो तको आपणे गेले-गेले परोग्यो।