9 अबे रूँकड़ा की जड़ा काटबा का वाते कराड़ो मेल्यो ग्यो हे। जीं रूँकड़ा हव फळ ने देई वाँने काट्या जाई अन वादी में नाक दिदो जाई।”
अबे रूँकड़ा की जड़ा में कराड़ो मेल दिदो ग्यो हे अन ज्यो हव फल ने देवे हे वाँने काट दिदा जाई।
ज्यो ज्यो रूँकड़ो हव फळ ने लावे, वो काट्यो जाई अन वादी में बाळ्यो जाई।
पसे ईसू या केणी की के, “कणी अंगूरा का बाग में एक अंजीर को रूँकड़ो हो। कुई वणी रूँकड़ा का फळ होदबा ग्यो पण वींने वणी रूँकड़ा के फळ ने लादा।
जद्याँ वणी बाग का रुकाळ्याऊँ क्यो, ‘देक, मूँ तीन सालाऊँ अणी अंजीर का रूँकड़ा के फळ देकबा आवूँ हूँ पण, मने फळ ने मले। ईंने परो काट दे, काँके अणी रूकड़े या जगाँ फालतू में रुंद मेली हे।’
ईंका केड़े भी आबावाळा साल में फळ ने लागे, तो ईंने परो काट नाकज्ये।’”
ज्यो मारा में बण्यो ने रेवे, वो वणी बेकार डाळी का जस्यान हे जिंने तोड़न हूँकबा का वाते फेक दिदो जावे हे। अस्यी डाळ्याँ बळीता का वाते काम आवे हे।
जद्याँ कुई मूसा का नेमाने मानबाऊँ नटे हे, तो वींके ऊपरे दया कोनी करी जावे अन दो कन तीन गवा की गवई देबा की वजेऊँ मार दिदो जावे हे।
काँके आपणाँ परमेसर बाळ नाके अस्यी वादी हे।