5 जद्याँ वीं दरपगी अन रेटे मुण्डो करन ऊबी वेगी, तो वणा मनकाँ लुगायाऊँ क्यो, “थाँ जीवता ने मरिया तका में काँ होदो हो?
ओ हामळन वा घबरागी अन होचबा लागी के, “ईंको मतलब कई हे?”
तद्याँ वे ईं बातऊँ दरप अन संका में आगी ही अन देको अणाचेत का वाँका नके चमकता तका गाबा पेरियाँ तका दो मनक आन ऊबा वेग्या।
वो अटे कोयने हे, पण वो पाछो जीवतो वेग्यो हे। आद करो के, वणी थाँने गलील में कई क्यो के,
पण, परमेसर वींने मोत का दकऊँ छुड़ान पाछो जीवतो कर दिदो, काँके वाँका वाते ओ वे ने सके के, मोत वींने आपणाँ बस में राके।
अन जटा तईं याजक की बात हे तो, दसवो भाग भेळो करबावाळा याजक मनकाँ का जस्यानीस हे जीं मरे हे। पण मलिकिसिदक का बारा में सास्तर केवे हे के, वो अबाणू भी जीवतो हे।
मूँ वोईस हूँ, जिंका नके जीवन हे। पेल्याँ मूँ मरग्यो हो, पण अबे देक, मूँ जुग-जुग वाते जीवतो हूँ। मोत अन पाताळ की चाब्याँ मारा नके हे।
“स्मुरना की मण्डली का दुताँ ने ओ लिक। ज्यो पेलो अन आकरी हे, ज्यो मरग्यो हो, पण पाछो जीवतो वेग्यो हे, वो अस्यान केवे हे के,