मनक का पूत ने तो मरणोइस हे, जस्यान वाँका वाते लिक्यो हे, पण ज्यो मनक का पूत ने पकड़ाई, वींका वाँते घणी दुक बात वेई। वीं मनक के वाते आ बात घणी हव वेती, जदी वो जनमई ने लेतो।”
पसे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ईं मारी वीं बाताँ हे, जद्याँ मूँ थाँके हाते रेते तके थाँकाऊँ क्यो हो। जतरी बाताँ मूसा के नेमा में अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन भजनाँ की किताब में मारा बारा में लिकी तकी हे, वीं हारी पुरी वेणीईस हे।”
अन एक-एक बचन ने हव तरियऊँ साबत करन हमजातो हो के, मसी को अस्यान दुक जेळणो अन मरिया तकाऊँ जीवतो वेणो जरूरी हो, अन ईसू, जिंको मूँ थाँने हव हमच्यार हुणारियो हूँ, वोईस मसी हे।
आपणाँ परबू ईसू मसी का बापू परमेसर की जे हो, काँके परमेसर आपणाँ पे घणी मोटी दया बतई जणीऊँ वणा मसी ने मरिया तका मेंऊँ जीवान आपाँने नुवा जीवन की जीवती आस राकबा वाते वणा आपाँने नुवो जीवन दिदो हे।