पसे वीं एक-दूजाऊँ केबा लागा, “जद्याँ वो गेला में आपाऊँ बाताँ कररियो हो अन पुवितर सास्तर को अरत आपाँने हमजारियो हो, तो कई आपणाँ मन में धिज्यो ने बन्द रियो हो?”
वटे लुदिया नाम की एक लुगई ही, जो थुआतीरा नगर की ही, ज्या रेसम का गाबा बेंचती अन भगती करबावाळी ही। परमेसर वींका मन में आ बात नाकी के, वा पोलुस की बाताँ ने ध्यानऊँ हुणे।
थूँ वाँकी आक्याँ ने खोले अन वीं अंदाराऊँ उजिता का आड़ी, अन सेतान की सगतिऊँ परमेसर का आड़ी फरे ताँके वाँने पापाऊँ मापी मले अन परमेसर का चुण्या तका लोगाँ के हाते वीं भी बापोती में भेळा वेवे।’
अणी बात ने भी आपाँ जाणा हाँ के, परमेसर का बेटा ईसू मसी आया अन आपाँने हमज दिदी, जणीऊँ हाँचा परमेसर ने जाण सका अन आपाँ वींके हाते रेवा ज्यो हाँचो हे मतलब वींका बेटा ईसू मसी का हाते। योईस हाँचो परमेसर अन अनंत जीवन देबावाळो हे।
“फिलोदेलफीया की मण्डली का दुताँ ने ओ लिक। वीं ज्यो पुवितर अन हाँचा हे अन जिंका नके दाऊद राजा का नगर की कुस्याँ हे अन वो जणी बारणा ने खोले हे वींने कुई भी जड़ ने सके अन जिंने वो जड़ हे वींने कुई खोल ने सके। ओ अस्यान केवे हे के,