38 तो ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँ काँ घबरारिया हो? थाँ मन में भेंम काँ करो हो?
ओ जाणन, ईसू वाँने क्यो, “हो कम विस्वासवाळा, थाँ एक-दूजाऊँ कई बाताँ करो हो के, आपाँ नके रोटा कोयने?
पण, वीं घबराग्या अन दरपग्या के, “आपाँ तो कस्याई भूत ने देकरिया हा।”
मारा हात-पगाँ ने देको के, मूँ वोईस हूँ। मारे अड़न देको, काँके भूत के हाड़क्या अन माँस ने वेवे, जस्यान थाँ मारा में देकरिया हो।”
दनियाँ की कस्यी भी चीज परमेसरऊँ हपी तकी ने हे, वाँकी आक्याँ का हामे हारी चिजाँ खुली अन बना परदा की हे। वाँका हामे आपाँने आपणो लेको देणो हे।