37 पण, वीं घबराग्या अन दरपग्या के, “आपाँ तो कस्याई भूत ने देकरिया हा।”
पण, वणी वाँकाऊँ क्यो, “ओ बापू, अबराम यूँ ने, यद्याँ मरिया तकाऊँ कुई वाँका नके जाई तद्याँईस वी मन बदली।”
तो ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँ काँ घबरारिया हो? थाँ मन में भेंम काँ करो हो?
वाँकाणी वींने क्यो, “थूँ वेडी वेगी हे!” पण, वा जोरावरीऊँ केरी ही के, या बात हाँची हे। तो वाँकाणी क्यो, “वो वींको दूत वेई।”