मनक का पूत ने तो मरणोइस हे, जस्यान वाँका वाते लिक्यो हे, पण ज्यो मनक का पूत ने पकड़ाई, वींका वाँते घणी दुक बात वेई। वीं मनक के वाते आ बात घणी हव वेती, जदी वो जनमई ने लेतो।”
पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।